PM Pranam Scheme: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई PM Pranam Scheme एक बहुत खास किस्म की योजना है इस योजना का उद्देश्य खेत में प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों का प्रयोग करना है, सरकार की इस योजना के तहत सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम हो जाएगा l PM Pranam Scheme के तहत सरकार जैविक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों पर अधिक जोर देगी l जिससे किसानों को इसका सीधा – सीधा लाभ मिल पाएगा l आइए इस योजना का पूरा विवरण विस्तार में जानते है.
नई दिल्ली में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM Pranam Yojana की घोषणा की है इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को रसायनिक उर्वरकों के जगह वैकल्पिक उर्वरक उपयोग करने के लिए कहा है इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार अगले 3 सालों में लगभग 370000 करोड़ रुपए खर्च कर सकती है l
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केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई PM Pranam Yojana को लेकर मनसुख मंडावी ने बयान दिया है कि जो राज्य रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करना कम कर देगा केंद्र सरकार की ओर से उन किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी l इस योजना के तहत दी जाने वाली कुल सब्सिडी का आवंटन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा l जिसमें से 70 प्रतिशत राशि का उपयोग गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक को बढ़ावा देने में किया जाएगा l
PM Pranam Scheme key highlight
योजना का नाम | पीएम प्रणाम योजना |
कब लांच किया गया है | अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर |
केंद्रीय मंत्रालय ने योजना शुरू की | केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय |
योजना का लाभ | किसान को |
उद्देश्य | रसायनिक उर्वरकों के सब्सिडी को कम करना |
साल | 2023 |
अधिकारिक वेबसाइट | अभी ज्ञात नहीं है। |
PM Pranam Scheme का उद्देश्य क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य सब्सिडी के भार को कम करना और किसानों द्वारा अपने खेतों में फसल उत्पाद के लिए उपयोग में लाई जाने वाली रासायनिक उर्वरकों को कम करके वैकल्पिक उर्वरकों का प्रयोग करना है l केंद्र सरकार हर वर्ष किसानों के लिए रासायनिक उर्वरक हेतु सब्सिडी देती हैl उर्वरक मंत्रालय के डाटा के अनुसार पिछले वर्ष यह सब्सिडी 1.62 लाख करोड़ थी जोकि इस साल 39% बढ़कर 2.2 500000 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है l
यह एक बहुत बड़ी धनराशि है केंद्र सरकार जितनी राशि मदद के लिए खर्च करती है उतना लाभ किसानों तक पहुंच नहीं पाता है ,साथ में किसानों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली उर्वरक से पैदा फसल भी हमारे सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है । यदि केंद्र सरकार की इस PM Pranam Scheme को अपनाया जाए तो भविष्य में इसके बहुत से फायदे देखने को मिल जाएंगे जैसे की –
- सरकार पर सब्सिडी के भार का कम हो जाना
- किसानो द्वारा खेतों में प्रयोग किए जाने वाले उर्वरक को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना l
पीएम प्रणाम योजना को बड़े स्तर पर सफल कैसे बनाया जाएगा -:
पीएम प्रणाम योजना को बड़े स्तर पर सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ पद्धति अपनाई हैं जो कि नीचे दिए गए कुछ पॉइंट में दर्शाया गया है –
- केंद्र सरकार द्वारा लाई गई पीएम प्रणाम योजना के लिए कोई अलग से बजट नहीं पास किया गया है बल्कि वर्तमान में चल रहे उर्वरक स्कीम के तहत बचत का 50% राज्यों को सब्सिडी के रूप में दीया जाना है l
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को प्राप्त 70% सब्सिडी गांव,ब्लॉक और जिला स्तर पर रसायनिक उर्वरक के वैकल्पिक तकनीकी पर खर्च किया जाएगा l
- शेष बचे 30% राशि किसानो की सहायता,उत्पादक संगठन और किसानों को रासायनिक उर्वरक कम करने के लिए प्रोत्साहन करना वह किसानों को पुरस्कार के रूप में दीया जायेगा इसके अलावा बची हुई राशि को लोगों में जागरूकता लाने के लिए खर्च किया जाएगा l
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पीएम प्रणाम योजना की जरूरत क्यों पड़ी?
उर्वरक मंत्रालय का कहना है कि कि पूरे भारत में बीते 5 सालों में खाद की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई हैl इसी के साथ सब्सिडी के रूप में सरकार का खर्च भी बढ़ रहा हैl पूरे भारत में सबसे ज्यादा यूज होने वाली खाद शामिल यूरिया, एएमओपी, डीएपी और एनपीकेएस की खपत 2017-2018 से 2021-2022 मैं 21 फ़ीसदी तक बढ़ गई है यह 528.8लाख मिट्रिक टन थी जोकि बीते 4 सालों में बढ़कर 640.27 लाख मिट्रिक टन हो गई है l खाद की खपत के साथ-साथ सब्सिडी के तहत दिया जाने वाला पैसा भी बढ़ गया है सरकार ने 2021-22 बजट के तहत 79 530 करोड़ रुपए खाद के रूप में सब्सिडी का अनुमान लगाया था, जिसको बाद में बड़ा करके 1.40 लाख करोड़ किया गया था हालांकि वित्त वर्ष के समाप्त होने तक यह धनराशि 1.62 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी l सरकार में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए का आवंटन खाद सब्सिडी के तहत किया है लेकिन उर्वरक मंत्री का कहना है कि इस राशि को वित्त वर्ष की समाप्ति तक 2.25लाख करोड़ पहुंचा देगी l
PM Pranam Scheme सब्सिडी का बोझ -:
भारतीय किसान अधिकतम खुदरा मूल्य पर खाद खरीद लेते हैं जो कि सामान्य आपूर्ति मांग इनके उत्पाद या आयात के बजट से कम होती है l
उदाहरण के तौर पर सरकार ने नीम लेपित यूरिया के अधिकतम खुदरा मूल्य 5 922.22 रूपए/टन 2020 में निर्धारित की थी जबकि घरेलू निर्माताओं को देय औसत लागत प्लस मूल्य क्रमशः ₹17000 और ₹23000 प्रति टन है l
- गैर यूरिया उर्वरक जैसे कि डीएपी ओपी आदि के लिए एमआरपी कंपनियों द्वारा तय की जाती है l
- इन पोषक तत्वों की कीमत उचित है या नहीं इसको सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक फ्लैट/टन सब्सिडी का भरपाई करती है l
- सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली कुल राशि उर्वरक कंपनियों को प्रदान किया जाता है लेकिन अंतिम रूप से लाभार्थी किसान होते हैं जोकि बाजार द्वारा निर्धारित मूल्य से कम MRP का भुगतान करते हैं l
- 2022-23 में सब्सिडी का बोझ रासायनिक उर्वरक पर पिछले साल की तुलना में 39% अधिक है l
उर्वरक सब्सिडी के लीकेज को कम करने के लिए सरकार की पहल -:
- केंद्र सरकार ने उर्वरको में प्रत्यक्ष रूप से लाभ देने के लिए डीबीटी प्रणाली को शुरू किया था जिसको वर्ष 2018 में लाया गया था l
- इस प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उर्वरक ग्रेडो पर 100% सब्सिडी उर्वरक कंपनियों को खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को प्रदान की गई वास्तविक बिक्री के बेस पर जारी की जाती है l
- भारत के प्रत्येक खुदरा विक्रेता के पास आज के समय एक पॉइंट ऑफ सेल नामक मशीन है जोकि उर्वरक विभाग के e- उर्वरक पोर्टल से जुड़ी हुई है l
- इस प्लेटफार्म पर बिक्री के पंजीकृत होने के तुरंत बाद कंपनी सब्सिडी का दावा करती है l
- केंद्र सरकार ने नैनो यूरिया और उत्तेजक के जैसे नए पोषक तत्वों को भी उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत शामिल किया है l
- इसके अलावा भारत सरकार ने नीम कोटेड यूरिया और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी पहला को भी लागू किया है l
क्या है यूरिया गोल्ड -:
केंद्र सरकार की शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत यूरिया गोल्ड पर भारी मात्रा में सब्सिडी मिलेगा जैसा कि हम लोगों को पता है कि सभी किसान भाई खेतों में यूरिया का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते है l यूरिया के बहुत अधिक मात्रा में उपयोग से मिट्टी में सल्फर की कमी हो जाती है जो की बिल्कुल सही नहीं है l ऐसी स्थिति में सरकार की इस पहल के द्वारा यूरिया पर सल्फर की लेयर को चढ़ा कर इनको खेतों तक पहुंचाया जाएगा l सरकार की इस प्रक्रिया से ग्राउंड वाटर पोलूशन का खतरा भी कम होगा l सल्फर कोटेड यूरिया को ही गोल्डी यूरिया के नाम से जाना जाता है l वर्तमान समय में 45 kg यूरिया गोल्ड का दाम 2200 रुपए है l लेकिन सब्सिडी के तहत इसे 266.70/45kg की कीमत पर बेचा जाता है l
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यूरिया गोल्ड को लेकर के सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं –
- सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य मिट्टी में हो रही सल्फर की कमी की समस्या को देखते हुए इसका समाधान ढूंढना है l
- बाजारों में मिल रही केमिकल वाली यूरिया की तुलना में सल्फर लेपित यूरिया यानी गोल्ड यूरिया काफी हद तक लाभदायक है l
- इस गोल्ड यूरिया में उच्च मात्रा में नाइट्रोजन अवशोषण दर प्रदान है जिससे कि फसल की उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी l
- आमतौर पर यूरिया में नाइट्रोजन अवशोषण दर लगभग 30 प्रतिशत होता है l
- नीम लेपित यूरिया जो कि एक अन्य प्रकार की ओरिया है इसमें अवशोषण दर 50 प्रतिशत होती है l
पीएम प्रणाम योजना के बेनिफिट्स PM Pranam Scheme benefits -:
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई पीएम प्रणाम योजना के बहुत से लाभ है जो कि नीचे कुछ प्वाइंट्स में बताए गए हैं-
- इस योजना से पर्यावरण में बहुत सुधार आएगा l
- इससे भूमि की उर्वरता की क्षमता बढ़ जाएगी
- मिट्टी का स्वास्थ्य भी बना रहेगा l
- अनाजों की गुणवत्ता व पैदावार में बढ़ोतरी होगी l
- केमिकल फर्टिलाइजर व यूरिया के उपयोग भी कम हो जाएंगे l
- केमिकल वाली यूरिया का प्रयोग ना करने से इंसान के स्वास्थ्य के बिगड़ने का भी खतरा कम हो जाएगा l
- केमिकल जैसी यूरिया के प्रयोग करने से इंसानों में कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है l
- प्रधानमंत्री की इस योजना के लाने से जैविक खाद को बढ़ावा मिल जाएगा l
- सरकार द्वारा वैकल्पिक खाद पर भारी मात्रा में सब्सिडी दी जाएगी l
- इस योजना के तहत आने वाले 3 वर्षों में केंद्र सरकार कुल 3.6 आठ लाख करोड़ों रुपए खर्च करेगी l
- इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी का कुल खर्चा केंद्र सरकारी देखेगी l
पीएम प्रणाम स्कीम क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई PM Pranam Scheme एक बहुत खास किस्म की योजना है इस योजना का उद्देश्य खेत में प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों का प्रयोग करना है, सरकार की इस योजना के तहत सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम हो जाएगा l PM Pranam Scheme के तहत सरकार जैविक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों पर अधिक जोर देगी l जिससे किसानों को इसका सीधा – सीधा लाभ मिल पाएगा l
किस केंद्रीय मंत्रालय ने पीएम प्रणाम योजना शुरू की?
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई PM Pranam Scheme केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया गया है जो की बाद में चल कर सरकार और किसानो को बहुत लाभ होगा
पीएम प्रणाम का फुल फॉर्म क्या है?
Full form of पीएम प्रणाम PM Programme for Restoration, Awareness, Generation, Nourishment, and Amelioration of Mother Earth”